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GUNO KI KHAAN AMLA ( BENEFITS OF amla )

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आवला औषधीय गुणो से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही कैल्शियम ,  फॉस्फोरस , आयरन , मैग्नीशियम और विटामिन बी भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। एंटी ऑक्सीडेंट  से  भरपूर आवला शारीर कि रोग प्रतिरोधन क्षमता बढ़ाता है । आवला ताज़ा हो या प्राकृतिक रूप से सूखा, उसके  गुण सदैव विद्य्मान रहते हैं ।  अन्य फायदे :- १) डायबिटीज का नियंत्रण करने में मददगार होता है।  २) पाचन को दुरुस्त रखता है।  ३) बाल झड़ने पर आवला का रस और नारियल का तेल बराबर मात्रा में मिला कर बालों कि जड़ों में मालिश करें । ४) एक चम्मच आवला के चूर्ण और एक चम्मच चीनी को एक गिलास पानी में डालकर पीने से एसिडिटी में रहत मिलती है।  ५) आवला का रस प्रतिदिन पीने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैन।  ६) आवला के गुदे को शहद के साथ ले, इससे हिचकियाँ आनी बंद हो जाएँगी ।  ७) मुह में छालें होने मर आवला के पत्तों के काढ़े से कुल्ला करें ।  ८) जी मचलाने पर आवले और अदरक का रस शहद के साथ चाटें ।  ९) आवला के नियमित सेवन से बाल काले होते हैं और उनकी चमक भी बढ़ती है।  १०) आँखों कि रौशनी बढ़ाने

Deepawali..

प्राचीन श्रुति ग्रंथोंमे तीन महा-वाक्य का उद्घोष किया गया है।       "असदो माँ सद्गमय "       "मृत्युर्मा अमृतं गमय "       "तमसो मा ज्योतिर्गमय " दीपावली पञ्च दिनों का त्यौहार है। यह कार्तिक मास कृष्ण-त्रियोदशी से कार्तिक-शुक्ल द्वितीय तक विभिन्न रूपों में मनाया जाता है । दीपावली कैसे  :- कार्तिक- कृष्ण पक्ष तृतीय को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग सोने के सिक्के, वर्तन तथा अन्य आधुनिक घरेलु सामान खरीदते हैं।                                                             धनतेरस के दिन हे समुद्र-मंथन के दौरान भगवान् धन्वन्तरी अमृत कुम्भ लेकर प्रकट हुए थे। धन्वन्तरी आयुर्वाद के जनक मने जाते हैं । धनतेरस के दिन किसी आयुर्वेदिक पौधे यथा तुलसी , नीम, गिलोय, आवला , आदि पौधे को रोपना चाहिए। लोगों को आयुर्वेद की महत्ता के बारे में बताना चाहिए। भारत में प्रतीकवाद का ज्यादा प्रचालन है। कई लोग धन्वन्तरी की मूर्ति बनाकर पूजा करते हैं।     मेरी दृष्टि में यह पूजा का सही तरीका प्रतीत नहीं होता है। बड़े महापुरुष , संत,आदि  का वांग्मय रूप से पूजा करना