Deepawali..
प्राचीन श्रुति ग्रंथोंमे तीन महा-वाक्य का उद्घोष किया गया है। "असदो माँ सद्गमय " "मृत्युर्मा अमृतं गमय " "तमसो मा ज्योतिर्गमय " दीपावली पञ्च दिनों का त्यौहार है। यह कार्तिक मास कृष्ण-त्रियोदशी से कार्तिक-शुक्ल द्वितीय तक विभिन्न रूपों में मनाया जाता है । दीपावली कैसे :- कार्तिक- कृष्ण पक्ष तृतीय को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग सोने के सिक्के, वर्तन तथा अन्य आधुनिक घरेलु सामान खरीदते हैं। धनतेरस के दिन हे समुद्र-मंथन के दौरान भगवान् धन्वन्तरी अमृत कुम्भ लेकर प्रकट हुए थे। धन्वन्तरी आयुर्वाद के जनक मने जाते हैं । धनतेरस के दिन किसी आयुर्वेदिक पौधे यथा तुलसी , नीम, गिलोय, आवला , आदि पौधे को रोपना चाहिए। लोगों को आयुर्वेद की महत्ता के बारे में बताना चाहिए। भारत में प्रतीकवाद का ज्यादा प्रचालन...