Ramnavami

 रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ


आज दिनांक 21. 04 . 2021 को रामनवमी का त्यौहार है.

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नौमी तिथि को हीं त्रेतायुग में आज से सात लाख वर्ष पूर्व प्रभु श्री राम का जन्म अयोध्या अधिपति चक्रवर्ती सम्राट महाराजा दसरथ के यहाँ हुआ.

तत्कालीन समाज में धरती पर अधर्म, अनाचार, अत्याचार इतना बढ़ चुका था कि धरती माता पाप के बोझ को सहने में असमर्थ हो गई. धरती माँ गाय🐄 का रूप धारण कर भगवान श्री हरि विष्णु के पास अपनी ब्यथा को लेकर गई. भगवान श्री हरि विष्णु ने शीघ्र धरती पर अवतरित होकर अधर्म का नाश एवं धर्म की रक्षा का आश्वासन दिया.

गीता जी में भी कहा गया है, यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामियुगेयुगे.श्री राम चरित मानस में भी कहा गया है कि, जब जब होहिं धरम की हानि बाढ़ असुर अधम अभिमानी तब तब प्रभु धरि विविध शरीरा हरहिं  कृपानिधि सज्जन पीरा.

श्री राम नायक हीं नहीं ब्रम्हांड नायक हैं, कठिन परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होते हैं, अयोध्या में उनके राजतिलक की तैयारी के बीच अचानक वनगमन की बात सुनकर सहर्ष पिता के आज्ञा को शिरोधार्य करते हैं.

उन्होंने अयोध्या छोड़ी, सेना और सेवक छोड़ा, रथ छोड़ा पर धनुषबाण  नहीं छोड़ा.

वनप्रांतरों में वे जहाँ जहाँ गए वहाँ दलित शोषित आदिवासियों, वनवासियों को दमन शोषण और अत्याचार से मुक्त कराया.

यों तो सामान्यतः लोगों को सुग्रीव और विभीषण के राज्याभिषेक की जानकारी है, परन्तु कम्बन के तमिल रामायण के अध्ययन से ज्ञात होगा कि वनवास काल में सैंकड़ों अधर्मी अत्याचारी राजा से उन्होंने उनका राज्य छीनकर अन्य सुयोग्य एवं प्रजावत्सल शासकों को सौंप दिया, कहीं भी अपने भाई भतीजे या अयोध्या के किसी व्यक्ति को सत्ता नहीं दी.

जहाँ जहाँ भी उन्होंने सेना खड़ी की तो वहाँ स्थानीय लोगों और संसाधनों का प्रयोग किया.

एक अच्छे नेता को श्रीराम से नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए.

जय श्री राम🙏💕.

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