Dharm kya hai????

लोगों के मन में धर्म के सम्बन्ध में अनेक प्रकार की अवधारणा एवं  भ्रान्ति व्याप्त है |कोई धर्म को दकियानूसी प्राचीन विचारधारा ,तो कोई धर्मं को अफीम बतलाते है |अक्सर धर्म और religion के बारे में लोगों के मन में ऐसा विचार उत्पन्न होता है की दोनों एक ही है, परन्तु तात्विक दृष्टी से विश्लेषण करने पर धर्म और religion के बीच में सूक्ष्म अंतर है | Religion जहाँ  एक पंथ है वहीँ धर्म मनुष्य के व्यक्तिगत , सामाजिक ,राजनितिक आर्थिक व्यक्तित्व  के विकास  में सहायक है |
                                                                             धर्म शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के "ध्री" धातु से हुआ है |"ध्री" शब्द का मुख्य अर्थ धारण करना है |अर्थात जिस नियम से इस जगत का धारण ,पोषण ,संरक्षण एवं संवर्धन होता है ,वही धर्मं है |अतः हमें धर्मं की रक्षा करनी चाहिए | यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म भी हमारी रक्षा करेगा |कहा भी गया है ...."धर्मो रक्षति रक्षितः " |    

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

SIR Dard (head ache)

Gharelu Nuskhe

Benefits of Sugarcane